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गलवान घाटी में पिछले दिनों भारत और चीन की सेना के बीच हुई हिंसक झड़प के दौरान 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे। इसके बाद से ही देशभर में चीनी सामान के बॉयकॉट को लेकर आवाजें उठने लगी हैं। इस बीच भारतीयवेटलिफ्टरों ने भी चीन कीकंपनियों के इक्विपमेंट का इस्तेमाल नहीं करने का निर्णय लिया है।
दूसरी तरफवेटलिफ्टिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया ने चीन से आए खेल सामानों को घटिया बताया है। फेडरेशन ने चीनी सामान के बॉयकॉट की बात भी कही है। फेडरेशन ने टोक्योओलिंपिक में इस्तेमाल होने वालेचीनकीकंपनी जेडकेसी के वेटलिफ्टिंग सेटों को भीनहीं खरीदने का फैसला किया है।
भारतीय कपंनियों और अन्य देशों के द्वारा बनाए गए सेट खरीदेंगे
फेडरेशन ने कहा है किचीनकीकंपनी‘जेडकेसी’से पिछले साल चारवेटलिफ्टिंग सेटमंगवाए थे। वह सभीखराब निकले औरवेटलिफ्टर इसकाइस्तेमाल नहीं कर रहे हैं। फेडरेशन के महासचिव सहदेव यादव ने कहा कि चीन के सामानों का बॉयकॉट होना चाहिए। फेडरेशन ने फैसला लिया है कि चीन में बने किसी भी सामान का उपयोग नहीं करेंगे। बल्कि अबभारतीय कपंनियों और अन्य देशों के द्वारा बनाए गए सेट खरीदेंगे।इसकी जानकारी स्पोर्ट्स ऑथोरिटी ऑफ इंडिया को दे दी गई है।
चीन के सामानों का खिलाड़ियों ने भी बॉयकॉटकिया
राष्ट्रीयकोच विजय शर्मा ने बताया कि शिविर में शामिल सभीवेटलिफ्टर ऑनलाइन सामान खरीदते समय यह ध्यान रख रहे हैं कि यह चीन की कंपनी का तो नहीं है। यही नहीं खिलाड़ी चीनी ऐप टिक टॉक का भी बॉयकॉट कर रहे हैं।
बीसीसीआई ने रिव्यू के लिए बुलाई है मीटिंग
बीसीसीआई और आईपीएलकावीवो,पेटीएम,लीनिंग औरबायजूसहित कईकंपनियोंके साथकरार है। वहीं, वीवो आईपीएल की टाइटल स्पॉन्सर भी है। वह हर साल आईपीएल को 440 करोड़ रुपए देती है। यह करार 2022 तक का है।पेटीएम भी आईपीएल कीस्पॉन्सर है। हालांकि,पेटीएम में चीनी कंपनी अलीबाबा की हिस्सेदारी है।
बायजू कंपनी ने भी पिछले साल बीसीसीआई से पांच साल के लिए करार किया है। वह जर्सी की स्पॉन्सर है।2022तक वह1079करोड़ रूपए बीसीसीआई को देगी। ड्रीम-11से भी बीसीसीआईकाकरार है।हालांकि, बीसीसीआईके कोषाध्यक्ष अरूण धूमल कह चुके हैं किचीनी कंपनियों के साथ हुए करार केरिव्यू को लेकर अगले हफ्ते गवर्निंग काउंसिल की मीटिंग बुलाईगई हैं।
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