जंगल में भूकंप
( मित्रों ! अगर आप इस कहानी को पहली बार पढ़ रहे हैं, तो आप मेरे इस लेख़ (Article) :- “The Jungle Book Story in Hindi _Characters Introduction” “जंगल बुक कहानी के पात्रों का परिचय”। ज़रुर देखें इस लिंक पर क्लिक करें )
आज की इस कहानी में हम देखेंगे कैसे जंगल में भूकंप आने के बाद मोगली और उसके दोस्त इस समस्या का सामना करते हैं। तो आइए शुरू करें :-
एक दिन सुबह-सुबह जंगल में अचानक धरती में हलचल होने लगी, पेड़-पौधे गिरने लगे, तेज़ हवाएँ चलने लगी, इसे देखकर सारे जानवर अचानक इधर-उधर भागने लगे।
तब मोगली ने बघीरा से कहा -
मोगली -
लगता है यहाँ कुछ गड़बड़ होने वाली हैं, ये सब इस तरह क्यों भाग रहे हैं ?
बघीरा-
मुझे तो ऐसा लगता है मोगली ! कही… कोई तूफान तो नहीं आने वाला हैं !!!
बल्लू -
सिर्फ इतनी-सी बात नहीं है, मोगली ! जिस तरह यह पेड़-पौधे गिर रहे हैं, और ज़मीन में हलचल हो रही हैं। मुझे तो लगता हैं, कि जंगल में भूकंप आने वाला हैं।
दारज़ी -
(सहमें हुए ) ह …ह…ह…ह…मुझे अपनी ज्ञानिन्द्रियों से ऐसा ही महसूस हो रहा हैं।
मोगली -
इसका मतलब तुम सब पशु-पक्षियों को पहले से ही पता चल जाता हैं...कि कुछ होने वाला हैं? यह तो कमाल की बात हैं ।
बघीरा-
हा ! मोगली ...सभी पशु-पक्षियों के पास ऐसी शक्ति होती हैं। जिससे हमें पता चल जाता है, कि कोई प्राकृतिक आपदा आने वाली हैं।
# अब इतने में मोगली जिस पेड़ पर बैठा था उसमे हलचल होती हैं, और मोगली पेड़ से नीचे गिर जाता हैं। और वह पेड़ बल्लू के ऊपर गिर जाता हैं, और जिससे उसकी गर्दन फस जाती हैं। तब मोगली और बघीरा दोनों जोर लगाकर बल्लू को खींचते हैं , और उसकी गर्दन बाहर निकाल देते हैं।
बघीरा-
तुम्हें कही चोट तो नहीं आई मेरे दोस्त ! बल्लू?
बल्लू -
चोट तो नहीं आई लेकिन जिस तरह तुमने मुझे खींचा है, उससे मेरी गर्दन में मोंच आ गई हैं। तुम्हें इस तरह से नहीं खींचना चाहिए था मुझे…
मोगली -
उफ़...अब तुम दोनों बहस बंद करोंगे। और इस बात की ख़ुशी मनाओ की हम सही सलामत हैं।
बल्लू और बघीरा -
हां….मोगली तुम सही कह रहे हो, भगवान का शुक्र हैं, कि हम सब सही सलामत हैं और हमें कुछ नहीं हुआ। ( # और तीनों ठहाके लगाकर हँसते हैं… हाह…हाह…हा…हा…)
# उधर दूसरी ओर जंगल में भूकंप की वजह से रक्षा और अकेला के बच्चे बाला और लाली अपनी गुफा में फस जाते हैं। क्योंकि भूकंप की वजह जो तबाही हुई, उससे उनकी गुफाओं के द्वार पर चट्टानें गिर गई थी ।
बाला और लाली -
मम्मी- पापा...हमें बचाओ ! हम इस गुफ़ा में इन चट्टानों के पीछे फ़स चुकें हैं।
रक्षा (मम्मी) -
घबराना मत मेरे बच्चों ! .. हम तुम्हें यहाँ से बाहर निकाल लेंगे। हिम्मत रखो….
अकेला (पापा) -
पर रक्षा ! हम अकेले इन चट्टानों को नहीं हिला पाएंगे । हमें किसी की मदद की जरुरत पड़ेगी।
# (और वो ज़ोर से आवाज़ लगाता हैं…. उ ऊ ऊ ऊ ऊ ऊ ऊ ऊ )
# (आवाज़ सुनकर मोगली कहता हैं ! )
मोगली -
ये तो मेरे परिवार की आवाज़ हैं, लगता हैं कि वो किसी मुसीबत में हैं ।
# (मोगली , बघीरा और बल्लू ! तीनो मदद के लिए अकेला के पास भागते हैं। )
रक्षा और अकेला -
अच्छा हुआ ..तुम जल्दी से आ गए मोगली । देखोना...बाला-लाली हमारी गुफ़ा के अंदर ही फस गए हैं ।
मोगली (बाला और लाली से )-
तुम्हें वहां से कोई रास्ता दिख रहा हैं , क्या ?बाला और लाली-
नहीं मोगली ! यहाँ तो बस हमें पत्थर दिख रहे हैं ।
# तब सभी मिलकर पत्थरों को हटाने की कोशिश करते हैं , लेकिन कोई भी हटा नहीं पता हैं। तब बल्लू के दिमाग में तरकीब आती हैं , वो सब मिलकर एक टूटे हुए पेड़ के तने के एक को चट्टान के नीचे अटकाते हैं, और दूसरे सिरे पर बाकि सभी लटक कर ज़ोर लगते हैं । लेकिन भारी चट्टान की वज़ह से वह पेड़ का तना टूट जाता हैं और सभी नीचे ज़मीन पर गिर जाते है। फिर मोगली सबसे कहता हैं :-
मोगली -
बाला - लाली अंदर से बाहर नहीं आ पा रहे क्योंकि उन्हें कोई रास्ता नहीं दिखाई दे रहा हैं। क्यों न कोई अंदर जाकर उनकी रास्ता ढूंढने में मदद करें। और मै अच्छी तरह जनता हूँ , कि ये काम कौन कर सकता हैं। वो हैं “ का ” ...
# इतना कह कर मोगली जंगल की ओर जाता है। अपने “का” के पास जाता हैं ।
मोगली - “ का ” से :
हमलोग एक बहुत बड़ी मुसीबत में फस गए हैं, हमें तुम्हारी मदद की जरुरत हैं। क्योंकि सिर्फ़ तुम्ही हो जो इस समय हमें इस मुसीबत से बचा सकते हो।
# मोगली ! “ का ” को सारी बात बताता हैं। उधर दूसरी ओर बल्लू और बाकी सभी मोगली का इंतज़ार करते है। इतने में मोगली और “ का ” दोनों बाला-लाली की गुफा के पास आ जाते हैं। सभी “ का ” को देखकर चौक जाते है । “ का ” सांप होने के कारण चट्टानों के बीच में से गुफ़ा में अंदर आसानी से घुस जाता हैं।
“ का ” गुफा के अंदर बाला-लाली से -
डरो नहीं बच्चों मैं तुम्हारी मदद करते के लिए आया हूँ। आज मैं तुम्हें कोई नुकसान नहीं पहुंचाऊंगा। चलो देखते हैं , कि यह ठंडी हवा कहा से आ रही हैं। चलो चलकर देखें ज़रा…
# उधर बाहर बल्लू सभी से कहता हैं, कि वो आस्तीन का सांप कहीं अंदर बच्चों को कोई नुकसान न पंहुचा दें। इतने में ‘का’ को बाहर आने का रास्ता मिल जाता हैं। और वो सबको बुलाकर रास्ता दिखाता हैं।
“ का ”-
एक रास्ता मिला हैं , जिससे तुम अंदर जा सकते हो ! लेकिन एक मुसीबत हैं। वो रास्ता बहुत ही सकरा हैं और कुएँ की तरह गहरा भी हैं।
# यह सुनकर मोगली के दिमाग में एक तरकीब आई। जिस तरह कुए के अंदर बाल्टी को धीरे-धीरे नीचे उतारा जाता हैं। मोगली ने ठीक वैसा ही ढाँचा बनाया और उसके सहारे वो गुफा के अंदर जाने के लिए तैयार हो जाता हैं। सभी मिलकर मोगली की मदद करते हैं, लेकिन जिस लता के सहारे मोगली गुफा में उतर रहा था वह छोटी पड़ जाती है। और मोगली बीच में ही लटक जाता हैं ।
# यह देखकर आख़िरकार ‘का’ मोगली की मदद करने गुफा में जाता हैं। जहां से लता कम पड़ने लगी थी, उसके आगे से ‘का’, बाला-लाली को पकड़ लेता हैं । उसके बाद ऊपर खड़े मोगली के दोस्त बल्लू, बघीरा, रक्षा, अकेला सभी मिलकर लता को खींचते हैं, और मोगली के साथ-साथ बाला-लाली भी गुफा के बहार आ जाते हैं । इस तरह ‘का’ की मदद से बाला-लाली की जान बच जाती हैं ।
# बाहर आने के बाद सभी ‘का’ का इस मदद करने के लिए धन्यवाद करते हैं ।
कहानी से सीख़ :-
मित्रों ! The Jungle Book Story in Hindi_Earthquake In Jungle इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है, कि जीवन में हमारे लिए कौनसा सवेरा क्या सूरत लेकर आए...यह हम नहीं जानते है। कौनसा वक़्त हमारे लिए अच्छा होगा या बुरा...ये हम नहीं जानते हैं। इसीलिए हमें हर वक़्त सभी को साथ में और एकजुट होकर रहना चाहिए। जिस तरह बाला-लाली मुसीबत में फस गए थे, उसी तरह हम भी जीवन कई मुसीबतों में फस सकते हैं। लेकिन यहाँ एक बात गौर करने वाली यह हैं, कि जब हम अपनों के बीच रहते है, तो हमारे ऊपर कितनी भी मुसीबतें क्यों न आ जाए, हमें उन मुसीबतों से बाहर निकालने के लिए हमारे अपनों के हाथ जरूर बढ़ते हैं।
एक बात और खास, जो ये कहानी हमें सिखाती हैं। हम जीवन में भले ही किसी से कितने ही नाराज़ क्यों न हो… लेकिन जब भी मुश्किल भरा वक़्त आए , तो हमें वक़्त आने पर अपनी नाराज़गी भुलाकर सभी की मदद करने से पीछे नहीं होना चाहिए। हो सकता हैं, कि आपकी इस मदद से नाराज़गी,...दोस्ती में बदल जाए। जिस तरह ‘का’ ने बाला-लाली की जान बचाई थीं, उसी तरह हमें भी जितना हम कर सके उतनी मदद जरूर करना चाहिए।
मेरी यह कहानी धैर्य और प्रेम से पढ़ने के लिए धन्यवाद !
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